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प्रसिद्ध हिंदी फिल्म सुपरस्टार हेमा मालिनी एवं सायरा बानो और कला एवं संस्कृति के क्षेत्र की अन्य प्रमुख आठ हस्तियों को प्रतिष्ठित पंडित लच्छू महाराज पुरस्कार से 31 अगस्त, 2024 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में आयोजित एक समारोह में सम्मानित किया जाएगा।

यह निर्णय भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय, लखनऊ के कुलपति प्रोफेसर मांडवी सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया। बैठक में पंडित लच्छू महाराज बेलेट फाउंडेशन की सचिव और पंडित लच्छू महाराज की वरिष्ठ शिष्या कुमकुम आदर्श भी शामिल थीं।


10 प्रतिष्ठित हस्तियाँ जिन्हें लच्छू महाराज पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा -

प्रसिद्ध कथक प्रतिपादक लच्छू महाराज की स्मृति में स्थापित लच्छू महाराज पुरस्कार 2014 के बाद से नहीं दिया गया है । ऐसे में पंडित लच्छू महाराज बैले फाउंडेशन ने इस साल 10 हस्तियों को सम्मानित करने का फैसला किया है। कोविड-19 के कारण वर्ष 2020 के लिए किसी पुरस्कार की घोषणा नहीं की गई है। 

पुरस्कार विजेताओ के नाम इस प्रकार हैं -

क्रम संख्यापुरस्कार विजेता पुरस्कार स्थान वर्ष के लिएनृत्य विधा के प्रतिपादक
1उमा शर्मानई दिल्ली2015कथक
2रमा वैद्यनाथननई दिल्ली2016कथक
3उमा डोगराजयपुर2017कथक
4हेमा मालिनीमुंबई2018 कथक, फ़िल्म अभिनेत्री
5संध्या पुरिचा (संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष)मुंबई2018भरतनाट्यम 
6सायरा बानोमुंबई2019कथक, फ़िल्म अभिनेत्री
7डॉ. मालाबिका मित्राकोलकाता2021कथक
8प्राची शाहमुंबई2022 कथक, फ़िल्म अभिनेत्री
9असीम बंधु भट्टाचार्यमुंबई2023 कथक
10पंडित राजेंद्र गंगानाईजयपुर2024कथक

 

लच्छू महाराज के बारे में :

  • कला और संस्कृति के क्षेत्र में लच्छू महाराज के नाम से दो कलाकार प्रसिद्ध हैं। एक प्रसिद्ध कथक नर्तक थे , और दूसरे प्रसिद्ध तबला वादक थे  लच्छू महाराज पुरस्कार प्रसिद्ध कथक प्रतिपादक के सम्मान में स्थापित किया गया है।
  • लच्छू महाराज, जिनका जन्म 1907 में लखनऊ में बैजनाथ प्रसाद के रूप में हुआ था, एक प्रसिद्ध शास्त्रीय कथक नर्तक और कोरियोग्राफर(नृत्य निर्देशक ) थे जिनकी 1978 में उनकी मृत्यु हो गई थी।
  • लच्छू महाराज ने अपने चाचा और अवध के नवाब के दरबारी नर्तक पंडित बिंदादीन महाराज से प्रशिक्षण प्राप्त किया था।
  • उन्होने, महल, मुगल-ए-आजम, छोटी-छोटी बातें और पाकीजा जैसी फिल्मों में कथक नृत्य कोरियोग्राफ किया था।
  • उन्होंने गौतम बुद्ध, चंद्रावली और भारतीय किसान जैसे फिल्मों की भी कोरियोग्राफी की थीं।
  • लच्छू महाराज लखनऊ में उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा स्थापित कथक केंद्र के संस्थापक निदेशक भी थे।
  • 1957 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

कथक नृत्य के बारे में : 

  • भारत सरकार, कथक को  भारत के आठ शास्त्रीय नृत्य रूपों में से एक के रूप में मान्यता देती है। अन्य शास्त्रीय नृत्य शैलियाँ भरतनाट्यम (तमिलनाडु), कुचिपुड़ी (आंध्र प्रदेश), ओडिसी (ओडिशा), मणिपुरी (मणिपुर), सत्त्रिया (असम), कुचिपुड़ी और मोहिनीअट्टम (दोनों केरल से) हैं।
  • कथक की उत्पत्ति उत्तर भारत में हुई है और बाद में मुगलों ने इसे समृद्ध किया। यह एकमात्र शास्त्रीय नृत्य शैली है जिसे मुस्लिम संस्कृति ने भी समृद्ध किया है। 
  • अवध के आखिरी नवाब वाजिद अली शाह ने कथक के लखनऊ घराने की स्थापना की थी । कथक के अन्य जयपुर और बनारस घराने हैं।
  • कथक के अन्य सबसे प्रसिद्ध प्रतिपादक बिरजू महाराज हैं।

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